scorecardresearch
 

दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगा ना अटकाएं LG, सिसोदिया ने साधा निशाना

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ये बहुत दुखद है कि केंद्र सरकार बार-बार उपराज्यपाल के माध्यम से जनता द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार के कामों में अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है.

Advertisement
X
मनीष सिसोदिया का उपराज्यपाल पर निशाना ( पीटीआई)
मनीष सिसोदिया का उपराज्यपाल पर निशाना ( पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली सरकार का उपराज्यपाल पर निशाना
  • वीटो पॉवर को लेकर विवाद
  • लोकतंत्र की हत्या की जा रही- सिसोदिया

दिल्ली कैबिनेट ने शुक्रवार को एक बैठक के दौरान फैसला लिया है कि किसान आंदोलन (Farmer Protest) में पक्ष रखने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा चयनित वकीलों का पैनल ही कोर्ट में सरकार का प्रतिनिधित्व करेगा. दिल्ली कैबिनेट के फैसले के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार द्वारा तय वकीलों के पैनल को रिजेक्ट करने की कोशिश की है. लेकिन दिल्ली कैबिनेट ने ये तय किया है कि कोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा चयनित वकीलों का पैनल ही पक्ष रखेगा.

Advertisement

दिल्ली सरकार का उपराज्यपाल पर निशाना

वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश के किसानों का साथ देना हर भारतीय का फ़र्ज़ है. किसानों का साथ देकर दिल्ली सरकार ने कोई एहसान नहीं किया है बल्कि देश के किसान के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाया है. किसान अपराधी नहीं है, आतंकवादी नहीं है. वो हमारा अन्नदाता है.

साथ ही, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ये बहुत दुखद है कि केंद्र सरकार बार-बार उपराज्यपाल के माध्यम से जनता द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार के कामों में अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि वकीलों की नियुक्ति ट्रांसफर्ड विषय का हिस्सा है और इस पर निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है. उसके बावजूद उपराज्यपाल द्वारा इसमें बार-बार हस्तक्षेप करना संविधान के खिलाफ जाना है.

Advertisement

वीटो पॉवर को लेकर विवाद

दिल्ली सरकार का कहना है कि भारतीय संविधान में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के कार्य अच्छी तरह से परिभाषित हैं. साथ ही 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम न्यायधीशों की संवैधानिक बेंच ने निर्णय दिया था कि ट्रांसफर्ड विषय में निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली सरकार का है. उपराज्यपाल का नहीं. उपराज्यपाल के पास सरकार के निर्णय में अपना ओपिनियन देने के लिए वीटो पावर दी गई है. लेकिन संवैधानिक बेंच ने व्याख्या की थी कि उपराज्यपाल केवल अति-दुर्लभ स्थिति में ही अपने वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

लोकतंत्र की हत्या की जा रही- सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक बेंच के निर्णय के खिलाफ जाते हुए उपराज्यपाल द्वारा रोज अपने वीटो का दुरुपयोग कर जनता की चुनी हुई सरकार को जनहित के कामों को करने से रोका जा रहा है. और इस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. जनता ने अरविंद केजरीवाल को अपना सीएम चुना है. तो जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को जनता के हितों के लिए काम करने दिया जाए. उपराज्यपाल द्वारा रोज अपने वीटो पावर का दुरुपयोग कर सरकार को काम करने से रोकना लोकतंत्र का मज़ाक बनाना है. 

Advertisement
Advertisement